चमोली जिले के हवलदार रणवीर सिंह रावत शहीद हो चुके हैं रणवीर सिंह रावत चमोली जिले के थाला गांव के निवासी हैं, 27 जनवरी को रणवीर सिंह रावत अपने साथियों के साथ पेट्रोलिंग के लिए निकले थे वापस लौटते समय उग्रवादियों ने इनकी टुकड़ी पर हमला कर दिया हमले में रणवीर सिंह रावत के बाएं पैर में 2 गोलियां लगी जिस वजह से वह गंभीर रूप से घायल हो गए रणवीर सिंह के साथियों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उनकी जांच की और उन्हें मृत घोषित कर दिया |
शहीद रणवीर सिंह रावत के घरवालों को शहीद होने की जानकारी कंपनी के अधिकारियों ने दोपहर में दी रणवीर सिंह रावत की मृत्यु होने की खबर सुन कर परिवार वालों में कोहराम मच गया आपको बता दें रणवीर सिंह के बड़े भाई लक्ष्मण सिंह भी असम राइफल में सूबेदार की पोस्ट पर है और वह नागालैंड रहते हैं जब बड़े भाई लक्ष्मण सिंह ने यहां खबर सुनी तो वह तुरंत नागालैंड से सैलून पहुंच गए जहां रणवीर सिंह रावत का पोस्टमार्टम किया और उसके बाद हवाई मार्ग से शव को दिल्ली लाया गया फिर निजी वाहन से पार्थिव शरीर को घर पहुंचाया गया, घर पर पार्थिव शरीर देखकर कोहराम मच गया फिर अंतिम दर्शन करने के बाद शव को रानी बाग स्थित चित्रशाला घाट के लिए ले जाया गया जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया इस दौरान रणवीर सिंह अमर रहे के नारे पूरे चित्रशाला घाट में गूंज उठे हवलदार रणवीर सिंह रावत की आत्मा को शांति मिले हमें गर्व है कि आप जैसे वीर उत्तराखंड में पैदा हुए हैं |