हर साल पहाड़ी राज्यों में बुरांश के फूल मार्च से लेकर मई तक खिलते थे पर इस बार जनवरी में ही बुरांश के फूल खिलने लगे हैं जो कि पहाड़ों और हिमालयो के लिए चिंता का विषय है | पहाड़ों में आज कल तापमान बढ़ने लगा है और हिमालय के पर्यावरण में तेजी से बदलाव हो रहा है पहाड़ों में उगने वाली जड़ी बूटी और फूल पौधे समय से पहले ही उगने लगे हैं अब देखना यह होगा यह पर्यावरण में किस चीज का संकेत है |
बुरांश क्या है ?
बुरांश उत्तराखंड का राज्य वृक्ष है ,बुरास उत्तराखंड के हिमालई क्षेत्रों में 1500 से 3600 मीटर की ऊंचाइयों में पाए जाने वाला सदाबहार फूलों का वृक्ष है, यह लाल और सफेद रंग का होता है इसके पत्ते चमकीले चिकने होते हैं और इसका इस्तेमाल पहाड़ों में दवाई के रूप में भी किया जाता है, इसका स्वाद मीठा और खट्टा होता है ,बुरास के फूल की शरबत भी बनाई जाती है जो कि शरीर को ठंडक और तरोताजा कर देती है | बुरास के फूलों की चटनी भी बनाई जाती है गांव के लोग आज भी जब बुरांस खिलते हैं तब बुरांश की चटनी बनाना नहीं भूलते बुरांश की चटनी और शरबत आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में काफी पसंद किया जाता हैं | इस वृक्ष की लकड़ी जलाने के काम भी आती है और इसकी कुछ अच्छी लकड़ियों से अलमारियां भी बनती है |
बुरांश के फूल से जेली भी बनती है और इसकी पत्तियों से औषधि बनती है जो कि कई बीमारियों में इस्तेमाल होती है | बुरांस के फूल का इस्तेमाल भगवान शिव के श्रृंगार में भी उपयोग किया जाता है यहां फूल शुभ माना जाता है |
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